अमरीका के शोधार्थियों का कहना है कि अक्सर दो वर्ष की उम्र में तय हो जाता है कि कोई व्यक्ति मोटापे का शिकार होगा या नहीं. शोध के लिए सामान्य से अधिक वजन वाले सौ से अधिक बच्चों व किशोरों के अध्ययन से पता चला कि आधे से अधिक बच्चे 24 महीने की उम्र से मोटे थे जब कि 90 फ़ीसदी बच्चों का वज़न 5 साल की उम्र से ही सामान्य से अधिक था.
'क्लिनिकल पेडियाट्रिक्स' की इस रिपोर्ट में बताया गया कि एक चौथाई बच्चों का वजन पांच महीने की उम्र से ही सामान्य से अधिक था. वर्तमान में ब्रिटेन में 27 फ़ीसदी बच्चों का वज़न सामान्य से अधिक है. अध्ययन में शामिल किए गए वे सभी बच्चे जिनकी औसत उम्र 12 साल थी, उन सभी का वज़न 10 साल की उम्र से ही सामान्य से अधिक हो गया था. हालांकि कम उम्र में ही मोटापे का शिकार होने की वजह पूरी तरह से समझ में नहीं आ सकी है, लेकिन असंतुलित आहार, बच्चों को जल्दी ही ठोस आहार देना शुरु करना और पर्याप्त मात्रा में व्यायाम का अभाव इसकी खास वजहें हो सकती हैं.
खान-पान की आदतें
शोधकर्ताओं ने कहा कि दो साल की उम्र से ही बच्चों में खान-पान की आदतें तय की जा सकतीं हैं क्योंकि आगे चलकर बच्चे में खान-पान की आदतों में बदलाव कठिन हो सकता है.
अक्सर डाक्टर इलाज शुरू करने का इंतज़ार तब तक करते हैं जब तक कि इस मामले में कुछ जटिलताएं न शुरू हो जाएं
डॉ जॉन हैरिंगटन
अध्ययन में शामिल शोधार्थी और ईस्टर्न वर्जीनिया मेडिकल के डा. जॉन हैरिंगटन ने कहा कि इन नतीजों के आने के बाद 'डाक्टरों को सचेत हो जाना चाहिए'. उन्होंने कहा, ‘‘अक्सर डाक्टर इलाज शुरू करने का इंतज़ार तब तक करते हैं जब तक कि इस मामले में कुछ जटिलताएं न शुरू हो जाएं." उनका कहना था "पुरानी आदतों में बदलाव ला पाना बच्चों व माता-पिता दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती है. इसमें बहुत अड़चनें होती हैं और अक्सर निराशा भी.’’
डॉ. हैरिंगटन ने कहा, ‘‘इस अध्ययन से पता चलता है कि मोटापे के वर्तमान ट्रेंड में खास बदलाव लाने के लिए बच्चों की शुरुआती उम्र से ही सामान्य से अधिक वजन हासिल करने के मसले पर गंभीरता से बहस करनी चाहिए.’’
स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘आगे चलकर बच्चे का स्वास्थ्य कैसा होता है, वह काफ़ी कुछ इस पर निर्भर करता है कि शुरुआत के वर्षों में उनका जीवन कैसा रहता है.’’
उनका कहना है, ‘‘हाल के आंकड़े जहां इस मामले में उत्साहजनक हैं कि बच्चों के मोटापे में कमी आ रही है, वहीं दूसरी तरफ़ सामान्य से अधिक वजन का स्तर अभी भी काफ़ी अधिक है. अहम बात यह है कि हम इस उत्साह को कैसे बनाए रखते हैं.’’

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