अब कैंसर जैसे खतरनाक रोग इंसान को अपनी गिरफ्त में नहीं ले पाएंगे। चिकित्सकों ने इंसान के शरीर में ही मौजूद मेलानोमस नामक ट्यूमर को ढूंढ निकाला है जो कैंसर से छुटकारा दिलाएगा। मेलानोमस हमारे शरीर का महत्वपूर्ण ट्यूमर है। कैंसर से पीड़ित होने पर जहां शरीर के अन्य हिस्से इसकी चपेट में आ जाते हैं, वहीं मेलानोमस पूरी तरह सुरक्षित रहता है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विंसेजों केरूडोंलो अपने सहयोगियों के साथ इस अध्ययन में जुट गए हैं कि किस प्रकार कैंसर के आक्रमण से यह ट्यूमर खुद को बचा लेता है।

शरीर का इम्यून सिस्टम सभी प्रकार के संक्रमणों से लगातार लड़ने और नई कोशिकाओं को बनाने की प्रक्रिया में जुटा रहता है। इस सतत प्रक्रिया में न्यट्रोफिल नामक कोशिका की अहम भूमिका है। न्यूट्रोफिल पूरी तरह खास एंजाइम्स से भरा रहता है। यह हानिकारक कोशिकाओं को खत्म कर उसी समय नई कोशिका का निर्माण करता है। कई बार दोस्ताना लड़ाई में हितकारी कोशिकाओं के खत्म होने की आशंका रहती है। उस समय इम्यून सिस्टम प्रोटीन मेसेंजर भेज कर कोशिका नुकसान होने से बचाता है।

परेशानी यह है कि इस लड़ाई में इसमें इतने सारे कोड उपयोग किए जाते हैं कि दुश्मन ट्यूमर इसे तोड़ सकता है। विंसेजो की टीम ने पता लगाया है कि मेलानॉमस भी लड़ाई रोकने वाले प्रोटीन मेसेंजर निर्माण करता है। सेरम आर्मील्वाड ए (एसएए) नामक यह प्रोटीन लड़ाई के समय न्यूट्रोफिल्स रोकने का संदेश देता है। दूसरे शब्दों में मेलानोमस शरीर को लाभकारी कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाने में मदद करती है। पर, इसका हानिकारक पहूल यह है कि एसएए किलर टी सेल को प्रभावित करता है। टी सेल एक नेचरल किलर है।


ट्यूमर क्या है?
सामान्यतः इंसान के शरीर में कोशिकाएं बढ़ती और विभाजित होती रहती है। स्वस्थ शरीर के रख-रखास के लिए इनकी आवश्यकता होती है। जब हमारे शरीर को इसकी जरूरत नहीं होती और कोशिकाएं खत्म होने के समय पर खत्म नहीं होती तो नई कोशिकाएं पैदा हो जाती है। यही अतिरिक्त कोशिकाएं एक जाल के रूप में जमा हो जाती है, जिन्हें ट्यूमर कहते हैं। ट्यूमर लाभकारी और नुकसानदायक दोनों होते हैं। उनको प्रायः निकाला जा सकता है और अधिकांश मामलों में यह फिर पैदा नहीं होते हैं। नुकसानकारी ट्यूमर कैंसर होते हैं। ये कोशिकाएं असमान्य होती है और अनियंत्रित रूप में विभाजित होती रहती हैं। कैंसर की कोशिकाएं आक्रामक होकर आसपास के जाल को खत्म कर देती है। कैंसर की कोशिकाएं ट्यूमर से अलग होकर रक्तधारा प्रणाली में भी प्रवेश कर सकती है। रक्त प्रणाली के द्वारा यह शरीर के अन्य भागों में पहुंचकर नये ट्यूमर को जन्म देता है। कैंसर फैलने की यह प्रक्रिया मेटास्टेसिस कहलाती है। 

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