रैंप पर कैटवाक करती मॉडल्स की तरह छरहरी काया के पीछे दीवानी रहने वाली लड़कियों को अब सावधान हो जाने की जरूरत है। छरहरेपन की यह दीवानगी उन्हें ब्रेस्ट कैंसर की ओर ले जा सकती है।

वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि जो लड़कियां सात साल की आयु के समय अधिक पतली होती हैं उनमें बड़ी होने पर ब्रेस्ट कैंसर से प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाती है। स्कॉटहोम के करोलिंसका इंस्टिटच्यूट के वैज्ञानिकों ने यह भी पाया की जो लड़कियां बचपन में हेल्दी होती हैं, उनके ब्रेस्ट कैंसर के चपेट में आने की संभावना कम होती है।

वैज्ञानिकों ने यह शोध स्वीडन की 6,000 महिलाओं पर किया गया है। इस शोध में शामिल की गई महिलाओं में आधी कैंसर पीड़ित थीं।

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