मानवीय विषयों पर किए गए विशेष क्लिनिकल अनुसंधान से यह तथ्य उजागर हुआ है कि हृदय संबंधी बीमारियों की रोकथाम के लिए हमारी रोजमर्रा की डाइट में चाय सेवन की प्रमुख भूमिका है। अमेरिका कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी के एक शोध के अनुसार काली चाय हृदय के लिए काफी अच्छी है। इसमें मौजूद फ्लेवेनाइड्स एंटीऑक्सीडेंट हृदय के सेल्स तथा ऊतकों की ऑक्सीकरण से होने वाली क्षति से सुरक्षा करते हैं। एक अन्य शोध से पता चलता है कि चाय का सेवन थक्के बनने की प्रक्रिया को नियंत्रित रखता है जिससे हृदयाघात की आशंका कम हो जाती है। रक्त में एंटीऑक्सीडेंट का घनत्व बढ़ने से चाय हृदय के लिए लाभदायक है।
कुल 3454 पुरुष एवं महिलाओं पर यह अध्ययन किया गया, जो 55 वर्ष या इससे अधिक आयु के हैं तथा जिन्हें हृदय संबंधी कोई गंभीर रोग नहीं है। इन सभी को हरी चाय के बजाय काली चाय का सेवन कराया गया। ब्रिटेन के आहार विशेषज्ञों ने एक अध्ययन में पाया कि एक दिन में चार कप चाय पीने से दिल के दौरे की आंशका कम हो जाती है। इसी प्रकार दाँतों के लिए भी चाय को लाभदायक माना गया है क्योंकि इसमें फ्लोराइड की मात्रा भी होती है। एक अध्ययन से पता चलता है कि काली चाय दाँतों में गंदगी की परत व छेद बनने से रोकती है। यही नहीं, इससे बैक्टीरिया का भी नाश होता है।
इसके पूर्व जापान में किए गए एक अध्ययन से पता चला था कि हरी चाय में कैविटीरोधी क्षमता होती है। काली चाय में मौजूद पॉलीफेनोल्स दाँतों में कैविटी पैदा करने वाले जीवाणुओं का खात्मा करता है। काली चाय दाँतों की सतह से परत को चिपकाने वाले चिपचिपे पदार्थ के निर्माण को भी रोकती है।
एक कप कड़क चाय पीकर बहुतों को जवानी का एहसास होता है, लेकिन उनमें से कुछ चाय पीने की आदत से परेशान भी रहते हैं। वैज्ञानिक-चिकित्सकों की मानें तो ऐसे लोगों को कतई परेशान नहीं होना चाहिए, क्योंकि चाय हमारे डीएनए में होने वाली गड़बड़ियों को रोकती है और यह तो सबको मालूम ही है कि डीएनए ही वह चीज है जो हमें एक खास रूप और पहचान देता है।
ब्रिटेन की हेरियट-वाट यूनिवर्सिटी और नॉरबिच स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ फूड रिसर्च में किए गए इस शोध के अनुसार हरी व काली चाय में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो मुक्त ऑक्सीजन अणुओं के प्रभाव को बेअसर करते हैं और शरीर में कैंसर होने की आशंकाओं को खत्मकरते हैं। साथ ही चाय के पीने से शरीर में पानी की पूर्ति होती है यानी वह निर्जलीकरण से बचाती है। जहाँ सुरक्षित पानी उपलब्ध न हो, वहाँ चाय पीकर पानी की पूर्ति की जा सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चाय त्वचा के कैंसर से भी बचाती है। इसमें मौजूद प्लेमोनायड तत्व सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावाइलेट किरणों से त्वचा को नुकसान पहुँचाने से बचाते हैं। प्रतिदिन 4 कप या इससे ज्यादा चाय पीना, पानी पीने के बनिस्बत ज्यादा फायदेमंद है। इस बात का खुलासा वैज्ञानिकों ने किया है। सामान्य तौर पर यह माना जाता है कि चाय डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) को बढ़ाती है, लेकिन शोधकर्ताओं के अनुसार असल में चाय शरीर में पानी की मात्रा तो बढ़ाती ही है तथा साथ में हृदयाघात व कैंसर के खतरे को भी कम करती है। शोध से पता चला है कि शरीर के अंदर के अपशिष्ट पदार्थों से लड़ने वाला प्रमुख एंटीऑक्सीडेंट तत्व फ्लेवेनाइड्स चाय में भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यह अजीर्णता को कम करता है, हड्डियों को मजबूत करता है और दाँतों की क्षति होने से रोकता है। चाय में पाए जाने वाला कैफीन दिमाग को चुस्त रखने में मदद करता है।
शोधकर्ता डॉ. कैरी रक्स्टन का कहना है कि 'अगर चाय को नुकसानदेह चीज समझते हैं तो आप पुराने ख्याल के हैं। चाय स्वास्थ्य का अहम हिस्सा है और यह कई बीमारियों से आपका बचाव कर सकती है। हाँ, लेकिन इतना याद रखिएगा- 'अति हर चीज की बुरी होती है।'
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