'डिप्रेशन' समेत कई मेंटल डि‍सीज के कारण विश्व में हर साल करीब दस लाख लोग सोसाइड कर लेते हैं। ज्‍यादातर सोसाइड केसेज का कारण बनने वाले इस वायरस यानी कि‍ डि‍प्रेशन को कंट्रोल करने के लिए 'मन दर्शन' नाम की नई मैथड की खोज की गई है। इस मैथड से मनोशिक्षा यानी सायकि‍कल एजुकेशन के माध्यम से पॉजि‍टि‍व एनर्जी और थोट्स को बढ़ाया जा सकता है।

यही नहीं इससे मानसिक प्रक्रियाओं में गलत विचार को आने से रोका जा सकता है। 'मन दर्शन' से मानसिक बीमारी से बचा जा सकेगा। जाने-माने मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. आलोक श्रीवास्तव का दावा है कि इस विधि से मरीज की अंतर्दृष्टि का विकास होता है। उन्होंने दावा किया कि इस विधि को अपनाने से मानसिक रोगी अपने मन पर नियंत्रण पाने में धीरे-धीरे सफल हो जाते हैं।

इस विधि को सर्वाधिकार 'पेटेंट' प्राप्त हुआ है। श्रीवास्तव ने बताया कि अवसाद और अन्य मानसिक रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 'मन दर्शन' विधि को व्यापकता दी जाएगी।

इंटरनेट के साथ ही इसके प्रचार-प्रसार के लिए अन्य तरीके भी अपनाए जाएँगे। उदासी, निराशा, काम में मन नहीं लगना, अनिद्रा, चिड़चिड़ापन, अतिभावुकता, रोना और आत्महत्या के विचार आने जैसी मानसिक विकारों को रोकने में यह विधि 'रामबाण' साबित हो सकती है।

उन्होंने कहा कि मानसिक रोग के मनोसामाजिक मनोजैविकी और व्यक्तित्व विकार यह तीन प्रमुख कारण होते हैं। मनोसामाजिक की वजह घटना, दुर्घटना या आपदा हो सकती है। इस विधि से बहुत ही कम समय में अच्छे परिणाम आते हैं। मरीज अपने मन पर इस प्रकार सक्रिय नियंत्रण रख पाता है कि उसका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है और बीमारी दोबारा उस व्यक्ति पर हावी नहीं हो पाती है।

सायकायट्रि‍स्‍ट के मुताबिक मन दर्शन की तकनीक को मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में एक क्रांतिकारी अन्वेषण बताया गया है।

1 comments:

Alok, mandarshan said...

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Dr. Alok Man Darshan
email id:Mandarshan@live.com
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