गुलाब : यूँ तो गुलाब त्वचा का सौन्दर्य निखारने में सदियों से माहिर है। गुलाब के फूलों की पत्तियाँ त्वचा को पोषण देती हैं, त्वचा के रोम-रोम को सुगंधित बनाती हैं, ठंडक प्रदान करती हैं। गुलाब के 2 फूलों को पीसकर, आधा प्याले कच्चे दूध में 30 मिनट तक भिगोएँ, फिर इस लेप को आहिस्ता-आहिस्ता त्वचा पर मलें, सूखने पर ठंडे-ठंडे पानी से स्नान कर लें। शरीर की त्वचा नर्म, मुलायम और गुलाबी आभायुक्त दिखाई देगी। गर्मियों में गुलाब के फूलों का रस चेहरे पर मलने से चेहरे पर ठंडी-ठंडी ताजगी बनी रहती है।
केवड़ा : यूँ तो यह एक बेहतरीन खुशबू का फूल है। इसके इत्र की तासीर ग्रीष्म में तन को शीतलता प्रदान करती है। केवड़े के पानी से स्नान करने से शरीर की जलन व पसीने की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलता है। गर्मियों में नित्य केवड़ायुक्त पानी से स्नान करने से शरीर में शीतलता बनी रहती है।
गेंदा : इसके पीले केसरिया फूल त्वचा को निखारने में विशेष उपयोगी है। स्किन टॉनिक बनाने के लिए 5 गेंदे के ताजे फूलों की पत्तियों को एक प्याला पानी में भिगो दें। 3 घंटे उपरांत पत्तियों को पानी में मसलकर छान लें। इस पानी का लेप त्वचा पर करें। थोड़ी देर बाद स्नान कर लें। त्वचा का सौन्दर्य तो निखरेगा ही, ठंडक का एहसास भी होगा।
एल्डर फ्लॉवर : इस फ्लॉवर को आधा प्याला पानी में रखने के उपरांत, प्याले के पानी को चेहरे पर मलें। त्वचा दाग धब्बोंरहित कोमल बनेगी।
ब्ल्यू विज हैजल : कुदरत का यह फूल भी सौन्दर्य निखारने में माहिर है। इस फूल में छिपे प्राकृतिक गुण त्वचा में कसाव भी लाते हैं व शीतलता भी प्रदान करते हैं। इसकी पत्तियाँ एक कप पानी में भिगों दें। 30 मिनट बाद पत्तियों को अच्छी तरह मसलकर छान लें। इसका लेप त्वचा पर करें। सौन्दर्य तो निखरेगा ही, ठंडी-ठंडी ताजगी का अनुभव भी होगा।
कमल : कमल के फूलों को धारण करने से शरीर शीतल रहता है। फोड़े-फुँसी आदि शांत होते हैं। शरीर पर विष का कुप्रभाव कम होता है। गुलाब, बेला, जूही आदि के अलंकरण हृदय को प्रिय होते हैं। इससे मोटापा कम होता है। चंपा, चमेली, मौलसरी आदि के प्रयोग से शरीर दाह की कमी तथा रक्त विकार दूर होते हैं और मन प्रसन्न रहता है।
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