लाइफ स्टाइल बदलने से हेल्थ की कई प्रॉब्लम्स अपने आप चली जाती हैं। मसलन यदि आप देर तक सोने के आदी थे और अब जल्दी उठने लगे हैं तो डेफिनेटली आपकी हेल्थ में पॉजिटीव इम्प्रूवमेंट होगा। इसलिए दवाएँ छोड़ना हों तो दिनचर्या बदल डालिए।
हमें बहुत सारी महँगी दवाइयाँ खाकर भी अपनी बीमारी से मुक्ति नहीं मिल पाती। क्या आपकी बीमारी का इलाज सिर्फ दवाइयाँ हैं? नित नई ऊँचाइयों को छूने की अंधी दौड़ में अस्त-व्यस्त जीवन व अत्यधिक तनाव ही हमारे हिस्से में आता है। परिणामस्वरूप कार्यक्षमता घट जाती है। बीमारियाँ, मानसिक विकार, निराशा व खीज व्यक्ति को घेरने लगते हैं।
इन बीमारियों के लिए जिम्मेदार हमारी जीवनशैली है। ये नतीजा है, स्वास्थ्य व जीवनशैली के बीच के असंतुलन का, परंतु हम बीमारी की जड़ को देखे बिना बस दवाइयाँ खाने पर विश्वास करते हैं। क्या कभी आपने सोचा है कि उच्च-रक्तचाप, मधुमेह, दिल की बीमारियाँ, हायपरकोलेस्ट्रोलेमिया मोटापा या जोड़ों का दर्द आदि इन बीमारियों की जड़ क्या है? उदाहरण के लिए यदि आप उच्च-रक्तचाप से पीड़ित हैं और रोज दवाइयाँ खा रहे हैं। यह आपके लिए हानिकारक है। इसकी शुरुआत कहाँ से होती है?
अनिद्रा, मोटापा, ध्रूमपान, शराब का सेवन, व्यायाम की कमी, तनाव व अनियमित तथा असंतुलित खानपान की आदतें, इसके लिए जिम्मेदार कारण हैं। हम आनुवंशिक कारणों को नहीं बदल सकते, परंतु बाकी के सारे कारणों का इलाज तो हमारे हाथ में है।
Tips for Youth
हम अपनी जीवनशैली में कुछ थोड़े से परिवर्तन करके अपनी बीमारियों से काफी हद तक मुक्ति पा सकते हैं। 1 गोली खाना बहुत आसान है बजाय जीवनशैली बदलने के, लेकिन गोली नुकसान पहुँचाती है जबकि दिनचर्या बदलने से आप एक ूबसूरत जिंदगी के मालिक बन जाते हैं। अपनी दिनचर्या में कुछ चीजें नियमित रूप से शामिल करें।
नियमित व्यायाम : 30-45 मिनट कोई भी एरोबिक एक्टिविटी करें। स्विमिंग, जॉगिंग, डांस, एक्सरसाइज, ब्रिस्क वॉक में से कोई भी एक्टिविटी आप कर सकते हैं।
पानी पिएँ - पानी शरीर में विषैले पदार्थ बाहर निकालने में मदद करता है। यह शरीर में पानी का स्तर बनाए रखने के साथ-साथ त्वचा को भी युवा एवं चिकनी बनाए रखता है। शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है। कभी भी प्यास लगने का इंतजार न करें।
नियमित ब्रेकफास्ट करें- यह दिन का सबसे महत्वपूर्ण आहार है। यह आपको दिनभर कार्य करने की ऊर्जा प्रदान करने के साथ-साथ आपकी एकाग्रता एवं याददाश्त बढ़ाता है। मांसपेशियों के तालमेल को बढ़ाता है। टाइप-2 डायबिटीज व दिल के रोगों के जोखिम को कम करता है। अपने नाश्ते में गेहूँ, जुवार, बाजरा, रागी, ब्राउन राइस, दलिया, कॉर्न फ्लेक्स, व्हीट फ्लेक्स या कोई भी एक अनाज शामिल करें।
फल खाएँ : रोज दिनभर में कम से कम 3 फल खाएँ। फाइबर के साथ-साथ ये आपको एंटीऑक्सीडेंट्स प्रदान करते हैं। फल पोटेशियम का सबसे अच्छा स्रोत है। सभी मौसमी फलों का आनंद लें।
दूध व उससे बने पदार्थ : रोज कम से कम 1 गिलास दूध पिएँ। अपने सुबह और शाम के भोजन में दही को शामिल करें। छाछ, पनीर इन्हें भी आहार में शामिल करें। छाछ में दूध की तुलना में कम वसा होती है। दही प्रोटीन व कैल्शियम का अच्छा स्रोत है।
सब्जियाँ खाएँ : अपने आहार में सभी सब्जियों को शामिल करें। ये विटामिंस, मिनरल्स, एन्टीऑक्सीडेंट्स के सबसे अच्छे स्रोत हैं।
अंकुरित अन्न : शाकाहारी भोजन में प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत है अंकुरित अनाज, इसे साफ करके खाना चाहिए।
पेय : चाय, कॉफी व शकर का प्रयोग सीमित मात्रा में करें। ये सभी मूत्रवर्धक होते हैं तथा अत्यधिक मात्रा में लेने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है।

एकाग्र होकर करें भोजन : टीवी या कम्प्यूटर के सामने बैठकर न खाएँ। अखबार व किताबें पढ़ते हुए खाना न खाएँ।
ध्यान करें : दिनभर में 15-20 मिनट का समय स्वयं के साथ बिताएँ। ध्यान करें, अपने किसी भी शौक को कम से कम 15-20 मिनट का वक्त दें। ये आपके तनाव को खत्म कर देगा। आप ऊर्जावान महसूस करेंगे।
जीवनशैली बदलें : प्रोफेशनल और सोशलाइफ के बीच संतुलन स्थापित करने की जरूरत है। इसके लिए जीवनशैली में परिवर्तन लाएँ। अपनी क्षमताओं का न केवल अधिकतम उपयोग करें बल्कि उनमें निरंतर बढ़ोतरी करें। जीवनभर सुखी और स्वस्थ रह सकें, इस पर जरूर विचार करें।
नींद- कम से कम 7-8 घंटे की नींद लें। यह आपका प्राकृतिक टॉनिक है। आपकी आँखों के नीचे काले घेरों का एक कारण भरपूर नींद न लेना है। अनिद्रा के कारण तनाव, काले घेरे, उच्च रक्तचाप आदि बीमारियाँ होती हैं।

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