यह एक दुर्लभ सेब है, जिसका नाम भी अटपटा है - अटवाइलर स्लाउबर एप्पल. यह सेब स्विट्ज़रलैंड में पाया जाता है और इसकी विशेषता यह है कि यह चीरयुवा है, यानी कि यह जल्दी से खराब नहीं होता.

इसके पीछे कि वजह है इस सेब के स्टेम सैल [कोष]. इस सेब के स्टेम सैल आश्चर्यजनक रूप से काफी सक्षम होते हैं और सेब को बिगड़ने से रोकते हैं. एक तरह से सेब की उम्र कई दिन बढ जाती है. अब स्विट्ज़रलैंड की माइबेल बायोकैमेस्ट्री के वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि इस सेब के स्टेम सैल इंसानों के लिए भी उपयोगी हैं. ये स्टेम सैल इंसान की चमड़ी को उत्तेजित करते हैं और झुर्रियों को बनने से रोकते हैं. यही नहीं इनसे यूवी रेडिएशन से भी बचाव होता है.

अमेरिकी पत्रिका वोग के अनुसार राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा के "युवा" चेहरे के पीछे का राज़ भी यही सेब है. वोग के अनुसार मिशेल एक विशेष सिरम का इस्तेमाल करते हैं जिसमें इस सेब के स्टेम सैल मिलाए जाते हैं.

माइबेल बायोकैमेस्ट्री के वैज्ञानिकों ने भी अपने प्रयोग में पाया कि इस सेब के स्टेम सैल झुर्रियाँ बननी रोक सकते हैं. उन्होनें 20 स्वयंसेवकों की आँखों की नीचे वाले भाग पर 4 सप्ताह तक एक क्रीम लगाई जिसमें 2% भाग अटवाइलर स्लाउबर सेब का था. 4 सप्ताह के बाद देखा गया कि इन लोगों की झुर्रियाँ 15% कम हो गई थी.

अच्छी बात यह है कि इस सेब के स्टेम सैल का उपयोग कर अन्य नस्लों के सेबों की जिंदगी भी बढाई जा सकती है, जिससे सेबों की पैदावार लम्बे काल तक संग्रह कर रखी जा सके. बुरी बात यह है कि यह बहुत ही दुर्लभ सेब है - पूरे स्विट्जरलैंड में इस नस्ल के सेबों के मात्र 20 पेड़ हैं. 

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