ख़ुश रहकर और सकारात्मक सोच की बदौलत दिल की बीमारी को दूर रखा जा सकता है. अमरीका में 1700 लोगों पर दस साल तक किए गए एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि जो लोग हमेशा परेशान रहते हैं और अवसाद के शिकार रहते हैं उनमें दिल की बीमारी होने की संभावना सबसे ज़्यादा होती है. इस अध्ययन से ये बात पुख़्ता तौर साबित नहीं होती कि ख़ुश रहकर दिल की बीमारी से बचा ही जा सकता है. लेकिन ये ज़रूर कहा गया है कि आमतौर पर लोगों को ख़ुश रहने की कोशिश करनी चाहिए, जीवन का आनंद लेने की कोशिश करनी चाहिए.
लेकिन विशेषज्ञों की राय है कि अध्ययन के नतीजे सीमित रूप में ही कारगर हो सकते हैं क्योंकि हर व्यक्ति की जीवनशैली उसकी प्रवृत्ति के अनुरूप ही होती है.एक यूरोपीय हार्ट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में ये बताया गया है कि शोध में हिस्सा ले रहे लोगों की भावनात्मक प्रतिक्रिया की कठिनाई, परेशानी, उत्साह, उमंग और संतोष के पैमाने पर जांच की गई.प्रतिभागियों को उनकी सकारात्मक सोच के आधार पर एक से लेकर दस तक अंक दिए गए.अध्ययन के अंत में पाया गया कि शोध में हिस्सा ले रहे 1700 लोगों में से 145 को दिल की बीमारी हो गई जो कि हर दस में एक दिल के मरीज़ से भी कम है.
किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अभी और शोध की ज़रूरत है लेकिन ये बात सच है कि लोगों को सकारात्मक जीवनशैली अपनाने की कोशिश करनी चाहिए डॉक्टर करीना डेविडसन, अध्ययनकर्ता
लेकिन इस शोध में ये बात ज़रूर सामने आई कि जिन लोगों के जीवन में ख़ुशी के पल ज़्यादा आते गए उनमें दिल की बीमारी होने की संभावना 22 फीसदी कम होती गई.अध्ययन के बाद शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष दिया कि आम ज़िंदगी में ख़ुश रहने वाले ज़्यादातर लोगों को नींद अच्छी आती थी और वो तनाव में भी कम आते थे. साथ ही ऐसे लोग तनाव के दौर से जल्दी बाहर निकल आते थे जिसका उनके शारीरिक स्वास्थ्य पर अच्छा असर देखने को मिला.इस अध्ययन में शामिल प्रमुख शोधकर्ता डॉक्टर करीना डेविडसन का कहना है,''किसी निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अभी और शोध की ज़रूरत है लेकिन ये बात सच है कि लोगों को सकारात्मक जीवनशैली अपनाने की कोशिश करनी चाहिए.''
रोज पूरा करें शौक
डॉक्टर डेविडसन ने बताया, ''आमतौर पर लोग दो हफ़्ते की छुट्टी लेकर घूमने-फिरने और मज़े करने जाते हैं जबकि उन्हें हर दिन ख़ुशी के पल ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए. अगर किसी को उपन्यास पढ़ना पसंद है तो एक बार में उसे पढ़ने का वक्त निकालने की बजाय हर दिन 15 मिनट पढ़ने की कोशिश करनी चाहिए.''
उन्होंने बताया कि यह बात हर उस शौक़ पर लागू होती है जिसे करके व्यक्ति को ख़ुशी मिलती है और उसका मूड अच्छा हो जाता है.हालांकि ब्रिटीश हार्ट फ़ाउंडेशन के एलन मेसन का कहना है कि दिल की बीमारी को ख़ुशमिज़ाज जीवनशैली से जोड़कर देखने का सीमित महत्व ही है.उन्होंने बताया, ''हम जानते हैं कि मूड को अच्छा बनाना हमेशा आसान नहीं होता और सकारात्मक होने की भी अपनी सीमा होती है.''ब्रिटीश कार्डियोवैस्क्युलर सोसायटी के कार्डियोलॉजिस्ट इयान सिम्पसन का कहना है कि दिल की बीमारी से बचने के लिए ज़्यादा ज़रूरी ये है कि लोग कॉलेस्ट्रॉल और डायबिटीज़ को नियंत्रण में रखें.उन्होंने ये भी कहा कि दुनियाभर में दिल की बीमारी से मरने वाले लोगों की बढ़ती तादाद को देखते हुए इससे बचाव के जो भी सुझाव सामने आएं उसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए.

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